स्पीड पोस्ट से उत्तर पुस्तिकाओं के संकलन होने से विद्यार्थियों को होने वाली समस्याओं से बचने के लिए अभाविप ने ज्ञापन के माध्यम से सभी महाविद्यालयों के साथ-साथ सभी सरकारी स्कूलों को संकलन केन्द्र बनाने का सुझाव दिया रायपुर: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् छत्तीसगढ़ ने आगामी विश्वविद्यालयीन परीक्षाओं में स्पीड पोस्ट से उत्तर पुस्तिकाओं के संकलन की व्यवस्था से विद्यार्थियों को होने वाली समस्याओं से बचने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन के माध्यम से सभी महाविद्यालयों के साथ-साथ सभी सरकारी स्कूलों को संकलन केन्द्र बनाकर उनके माध्यम से उत्तर पुस्तिकाओं के संकलन की व्यवस्था करने का सुझाव दिया है। अभाविप के प्रदेश मन्त्री श्री शुभम जायसवाल ने कहा कि प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में अन्तिम वर्ष एवं अन्तिम सेमेस्टर के विद्यार्थियों की परीक्षाओं तथा प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों के वैकल्पिक असाइनमेण्ट आदि की प्रक्रि या प्रारम्भ हो चुकी है। इसके तहत विद्यार्थियों को पूछे गए प्रश्नों के उत्तर घर पर ही अपनी सुविधानुसार A4 साइज के कागज पर लिख कर उत्तरपुस्तिकाओं को स्पीड पोस्ट के माध्यम से महाविद्यालयों को प्रेषित करना है। इस व्यवस्था में एक प्रमुख कमी यह है कि ग्रामीण परिवेश के कई डाकघरों में स्पीड पोस्ट की सुविधा नहीं है, जिससे विद्यार्थियों को ऐसे डाकघर तक जाना पड़ेगा जो स्पीड पोस्ट हब हैं। इससे इन डाकघरों में भी वैसी ही भीड़ एकत्रित होगी, जैसे परीक्षा केन्द्रों में उत्तर पुस्तिकाओं के वितरण के समय एकत्रित हुई थी। इसके अतिरिक्त स्पीड पोस्ट अपेक्षाकृत महंगी सुविधा है, जिससे विद्यार्थियों पर इस संकट काल में अनावश्यक आर्थिक बोझ भी पड़ेगा। अत: स्पीड पोस्ट से उत्तर पुस्तिकाएँ एकत्रित करना एक सही व्यवस्था सिद्ध नहीं होगी। शुभम जायसवाल ने आगे बताया कि परिषद् ने इस विषय पर प्रदेश सरकार एवं विश्वविद्यालयों को यह सुझाव दिया है कि स्पीड पोस्ट के स्थान पर उत्तर पुस्तिकाओं के संकलनार्थ प्रत्येक महाविद्यालय, शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालयों एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों को संकलन केन्द्र बनाया जा सकता है। विद्यार्थी अपने निकट के किसी भी संकलन केन्द्र में उत्तरपुस्तिका जमा कर सकेगा। इस व्यवस्था से न तो विद्यार्थियों पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा और न ही एक ही स्थान पर भीड़ बढऩे की स्थितियाँ निर्मित होंगी। अत: परिषद् ने मुख्यमंत्री से परिषद् के सुझावों पर विचार कर विद्यार्थियों को हो सकने वाली उपर्युक्त समस्याओं से बचाने आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया है।