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सौम्या कामधेनु गौ माता को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड अलंकरण Featured

 
 
विजयादशमी पर्व पर मनोहर गौशाला में होगा आयोजन
 
 

ख़ैरागढ़. विजया दशमी के दिन नगर के ऐतिहासिक पन्नों में एक और अंश जुड़ने जा रहा है। गौ सेवा के लिए समर्पित मनोहर गौशाला में मौजूद कामधेनु गाय को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड का अलंकरण प्रदान किया जाएगा। धमधा मार्ग में मौजूद गौशाला परिसर में ही अलंकरण समारोह सम्पन्न होगा। ट्रस्ट ने गौ माता को सौम्या कामधेनु गौ माता का नाम दिया है। यह सम्मान विश्व में सबसे लंबी पूंछ वाली गाय होने के कारण दिया जा रहा है। इससे पहले यह सम्मान ब्राज़ील में मौजूद गाय को मिला था। जिसके पूंछ की लंबाई 48 इंच थी। सौम्या कामधेनु गाय की पूंछ की लंबाई 54 इंच है। विश्व में इस तरह की सिर्फ 4 से 5 गाय मौजूद हैं। श्री कमलाबाई कन्हैया लाल चैरिटेबल ट्रस्ट ने कामधेनु गाय को जैसलमेर से लाकर मनोहर गौशाला में लाकर रखा है। तब से गाय की अनवरत सेवा जारी है।

 
 
एक ही थन से देती हैं दूध
 
आम गायों की तरह कामधेनु गाय के भी 4 थन हैं,पर उनमें से एक थन से दूध निकलता है। वो भी बछड़ों को पिलाने के लिए, गाय अपने थन से दूध निकालने नहीं देती। गाय की आंखों से 24 घण्टे अश्रु धारा बहती रहती है।दूध न निकलने की वजह से ही गाय को अनुपयोगी मानकर जैसलमेर के डेयरी वाले ने गाय को खरोरा में दिया और अब खरोरा से यह गाय मनोहर गौशाला में पूज्य स्थान में विराजमान है।
 
 
गौशाला में हैं 180 बूढ़ी गायें,300 की कर चुके हैं रक्षा
 
कुछ वर्ष पहले अस्तित्व में आई मनोहर गौशाला 300 से ज्यादा गायों की रक्षा कर चुकी है। फिलहाल गौशाला में 180 गायों की सेवा की जा रही है। जिन्हें या तो कट्टी पार ले जाते हुए बचाकर गौशाला पहुंचाया गया है। या फिर मालिको के अनुपयोगी समझकर छोड़े जाने पर गौशाला में लाया गया है।
 
 
मौजूद हैं ये सुविधाएं
 
00 हैड्रॉलिक सिस्टम वाला एम्बुलेंस मौजूद है,जिससे दुर्घटना ग्रस्त गायों को उठाया जाता है।
00 हरा चारा परिसर में ही लगाया गया है।
00 2 डॉक्टर किसी भी समय उपलब्ध रहते हैं।
00 गोबर से लकड़ी बनाई जाती है।
00 गौ मूत्र का अर्क निःशुल्क वितरित किया जाता है।
00 गायों की सेवा के लिए 8 कर्मचारी,1 मैनेजर मौजूद रहते हैं।
 
 
बैलगाड़ी में विराजे पार्श्वनाथ भगवान
 
गौशाला परिसर में अपनी तरह पार्श्वनाथ भगवान का मंदिर है,जो अपनी तरह का इकलौता है। मंदिर का उद्देश्य गौ संरक्षण के लिए प्रेरित करना है। ट्रस्ट ने 3 विहार धाम सेवा भी बनाए हुए हैं। जहां विहार में निकले साधु संत रुकते हैं। कुल 11 विहार धाम सेवा बनाने का लक्ष्य ट्रस्ट ने रखा है।
 
 
 
4 एकड़ में लगाए 4000 पौधे
 
गौशाला परिसर से लगी 4 एकड़ जगह में 4000 से ज्यादा फलदार और छायादार पौधों का रोपण किया गया है। जिसमें गायों की चिकित्सा के लिए ओपन ओपीडी बनाने की कार्ययोजना है। परिसर में नीम, करंच, आम के पौधे रोपे गए हैं।
 
 
ट्रस्टियों में शामिल हैं प्रतिष्ठित जन
 
गौशाला के ट्रस्टियों में मुख्य मैनेजिंग ट्रस्टी में रूप में पदम् डाकलिया ( खैरागढ़)शामिल हैं।अन्य सदस्यों में शांतिलाल कोठारी ( चेन्नई ),पुखराज कोठारी ( चेन्नई ),महेंद्र लोढ़ा ( रायपुर) व सपना डाकलिया ( रायपुर ) शामिल हैं।
 
 
 
विजयादशमी पर्व का आयोजन गौरवशाली - डाकलिया
 
गौशाला के मैनेजिंग ट्रस्टी पदम डाकलिया ने बताया कि  ये गौरव का विषय है। कि ख़ैरागढ़ मनोहर गौशाला को यह सम्मान मिलने जा रहा है। इससे पहले स्वच्छता के लिए भी गौशाला सम्मानित हो चुकी है। विजया दशमी पर्व का आयोजन अपने आप में गौरवशाली है।
 
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Last modified on Thursday, 14 October 2021 13:59

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