अपनी जिंदगी के आखिरी समय गिनने की उम्र में पंजाब की 104 साल की धाविका मन कौर ने वर्ल्ड स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व किया। न सिर्फ भारत का झंडा बुलंद किया, बल्कि खिताब भी जीते। 1 मार्च 1916 को जन्मीं मन कौर जिनके नाम 100 से अधिक उम्र की कैटेगरी का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी है, महिला सशक्तिकरण का एक बेहतरीन उदाहरण पेश करती हैं।
वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में मन कौर ने कई गोल्ड मेडल जीते हैं। 101 साल की उम्र में 2017 में वर्ल्ड मास्टर्स गेम्स में कौर ने खिताब भी जीता था। इस गेम्स के लिए उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी में नियमित रूप से अभ्यास किया था। कौर कहतीं है कि इस सफलता के पीछे सबसे बड़ा हाथ उनके 82 वर्षीय बेटे गुरदेव सिंह का है, जो उनके कोच भी हैं।
कई पदक किये हासिल
कौर ने अपना पहला पदक 2007 में चंडीगढ़ मास्टर्स एथलेटिक्स मीट में जीता था। 2017 में ऑकलैंड में विश्व मास्टर्स खेलों में 100 मीटर की दौड़ जीतकर वे सुर्खियों में आईं थीं। कौर के नाम पर कई रिकार्ड दर्ज हैं। कौर ने पोलैंड में विश्व मास्टर्स एथलेटिक्स में ट्रैक एवं फील्ड में 4 स्वर्ण पदक जीते थे।
नारी शक्ति पुरस्कार 2019 से किया जाएगा सम्मानित
104 साल की धाविका मन कौर को महिला सशक्तिकरण में योगदान के लिए 8 मार्च को नारी शक्ति पुरस्कार 2019 से सम्मानित किया जाएगा। महिलाओं के लिए इसे देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान माना जाता है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर यह पुरस्कार प्रदान करेंगे। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय से इस संबंध में मन कौर को पत्र मिला है। इस पुरस्कार के तहत उन्हें दो लाख रुपए का मानदेय और प्रमाणपत्र दिया जाएगा।