कोटा: बिलासपुर जिले के कोटा थाना अंतर्गत बेलगहना पुलिस चौकी क्षेत्र के ग्राम पंचायत करहीकछार के सरगुजिहा पारा की एक आदिवासी और कम बोल सकने वाली 13 वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म और गर्भ ठहर जाने पर 5-6 माह का गर्भपात कराने के मामले में आखिरकार पुलिस ने जांच शुरू की और 4 नामजद सहित अन्य लोगों के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध कर लिया है, इस मामले में कोटा टीआई ने देर शाम तक विस्तृत जानकारी देने की बात कही है।
बेलगहना पुलिस चौकी के नजदीक स्थित ग्राम में करीब 20 दिन पहले यह सारा मामला हुआ, लेकिन पुलिस के मुखबिर तंत्र को इसकी नक तक नहीं लगी कि ग्राम सरपंच, आरोपी युवक और उसके परिजनों द्वारा मिलकर गर्भपात जैसे नापाक इरादे को अंजाम दिया जा रहा है।
सूत्रों के माध्यम से यह मामला जानकारी में आने के बाद प्रमुखता से इसे खबर के माध्यम से सामने लाया गया जहां खबर की गूंज होने पर पुलिस ने जांच शुरू की हम आपको बता दें कि पीड़िता की मां जो कि अपने घर से काफी दूर पड़ावपारा वार्ड 1 में निवासरत है, वह अपनी बेटी से मिलने के लिए करीब 15 दिन पहले गांव आई थी जो कि लड़की अपने दादा-चाचा के यहां घटनास्थल ग्राम में रहती थी।
बेटी से मिलने के दौरान उसकी हालत देखकर मां को कुछ गलत होने का अंदेशा हुआ।जब उससे पूछा तो बेटी ने रोते हुए सारी कहानी बयां कर दी और चाचा के लड़के द्वारा गलत काम करना बताया।इसके बाद प्राथमिक तौर पर ज्ञात हुआ कि पीड़िता अपनी शिकायत लेकर बेलगहना चौकी पहुंची जहां से बैरंग लौटा दिया गया।इसके बाद कोटा थाना गई जहां से भी उसे लौटा दिया गया लेकिन कुछ देर बाद वापस बुलाकर और गांव जाकर मामले की तस्दीक की गई।इस तरह दबाव बढ़ने पर टीआई ने इस मामले की जांच शुरू की।
इस मामले में कोटा पुलिस ने नाबालिक लड़की के साथ दुष्कर्म करने वाले उसके चचेरे भाई अजय मिंज, दादा दशरथ सिंह, चाचा सियाराम मिंज एवं चाची सहित अन्य के विरुद्ध गर्भपात कराने, बलात्कार के जुर्म में अपराध क्रमांक 389/ 20 पर धारा 313, 376, 34 भादवि एवं पॉक्सो एक्ट की धारा 4 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर लिया है।पीड़िता का चिकित्सकीय परीक्षण कराया जा रहा है,
वहीं जड़ी-बूटी बेअसर होने पर पीड़ित बालिका का गर्भपात कोरबा जिले के कटघोरा क्षेत्र के किस निजी चिकित्सक के यहां कराया गया, इसकी भी पड़ताल की जा रही है।कोरबा व कटघोरा वासियों को भी यह जानने का इंतजार है कि आखिर यहां गर्भपात जैसा घिनौना कृत्य चंद रुपयों के लालच में किस चिकित्सक के द्वारा अंजाम दिया गया टीआई प्रकाश कांत ने बताया कि इस मामले में विवेचना की जा रही है।
कोटा पुलिस ने इस मामले में 4 नामजद व अन्य को आरोपी तो बनाया है किंतु यह स्पष्ट नहीं किया है कि जिन लोगों ने सारी जानकारी होने के बाद भी मामला छुपाया, उन्हें भी आरोपी बनाया जाएगा या नहीं यह एक बड़ा सवाल है, 26 सितम्बर से लिखित शिकायत लेकर भटक रही पीड़िता की मां के मुताबिक गांव के सरपंच जोसे लाल, नाबालिक लड़की के गर्भ की जांच करने वाली स्वास्थ्य कार्यकर्ता, मामले को दबाने और नाबालिक के साथ दुष्कर्म एवं गर्भपात की सूचना को पुलिस में ना देकर दबाने में सहयोग करने वाली मितानिन, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, महिला बाल विकास कर्मी एवं गांव में हुई बैठक में शामिल सभी लोगों के विरुद्ध अपराध दर्ज करने की गुहार लगाई गई है।
देखना यह है कि सारा माजरा जानने और अपराधिक कृत्य होने के बाद भी इसे पुलिस तक ना पहुंचाने या पहुंचाकर दबाए रखने के लिए विवश करने वाले किन-किन लोगों पर मामला दर्ज होता है।