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कोरोना संक्रमितों की संख्या को देखते हुए बुधवार (25 नवंबर) शाम हुई बैठक के बाद प्रशासन ने कंटेनमेंट जोन को लेकर आदेश जारी किए। सोशल मीडिया पर एक ही पत्र क्रमांक 1161 से दो आदेश वायरल हुए। पहले में वार्ड नंबर 18 का जिक्र दो बार आया। वहीं दाऊ चौरा के वार्ड-16 को ही कंटेनमेंट जोन में रखा गया था। इसी तरह वार्ड-7 गोलबाजार कंटेनमेंट जोन की सीमा नहीं बताई गई।
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इसी तरह दूसरे आदेश में टिकरा पारा, अंबेडकर वार्ड, सिविल लाइन और दाऊचौरा के वार्ड-16 के साथ 17 को भी जोड़ा गया। इसी में गोलबाजार वार्ड-7 के कंटेनमेंट जोन की सीमा दर्शाई गई, जिसमें संपूर्ण बख्शी मार्ग, संपूर्ण गोलबाजार, मस्जिद लाइन, दीवान बाड़ा, जय स्तंभ चौक व ताम्रकार दुकान के सामने वाली सड़क को शामिल किया गया।
एक ही क्रमांक से दो आदेश वायरल होना और दोनों में संशोधित आदेश लिखे होने से व्यापारी असमंजस में रहे। भ्रम की वजह से गुरुवार सुबह बख्शी मार्ग और मस्जिद रोड में एक तरफ की दुकानें तो बंद की गईं, लेकिन दूसरी तरफ खुली रहीं। सुबह जब प्रशासनिक अमला पहुंचा तो व्यापारियों के साथ बहस भी हुई।
मौके पर पहुंचे एसडीएम निष्ठा पांडेय तिवारी और एसडीओपी जीसी पति की समझाइश के बाद व्यापारी माने। दोपहर दो बजे प्रशासनिक अमला एक बार फिर कंटेनमेंट जोन में दुकान बंद कराने पहुंचा। सुबह से दोपहर तक पुलिस के सायरन की आवाज नगर में गूंजती रही।
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इस संबंध में मंडल भाजपा के मीडिया प्रभारी शशांक ताम्रकार का कहना है कि वार्ड के हिसाब से कंटेनमेंट जोन बनाना उचित नहीं है। इसमें कई विसंगतियां हैं। एक वार्ड बहुत बड़ा होता है। किसी वार्ड के एक छोर में संक्रमित हैं, लेकिन दूसरे हिस्सा कोरोना प्रभावित नहीं है तो उसे कंटेनमेंट जोन में नहीं रखा जाना चाहिए।
परिसीमन बाद वार्डों की सीमाएं भी प्रभावित हुई हैं, इसकी जानकारी अभी लोगों को नहीं है। इस वजह से भी काफी दिक्कत हुई। शशांक का कहना है मस्जिद रोड पहले वार्ड-4 में था, परिसीमन के बाद यह वार्ड-7 में आने लगा। दावा-आपत्ति के बाद अभी तक वार्डों के परिसीमन की स्पष्ट जानकारी लोगों को नहीं दी गई है।
इस बारे में एसडीएम निष्ठा पांडेय तिवारी का कहना है कि पहले आदेश में कुछ चीजें क्लीयर नहीं थीं, इसलिए दूसरे आदेश में स्पष्ट किया गया था। असमंजस जैसी कोई स्थिति नहीं रही। कोरोना संक्रमण से बचने के लिए जागरूकता लाने लोगों की सक्रिय भागीदारी बहुत जरूरी है।
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