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खैरागढ़ में कोरोना संक्रमितों के आंकड़ों पर नजर डालें तो विगत 24 दिनों में 383 मामले सामने आए हैं। इनमें 50 साल से कम उम्र वाले सबसे ज्यादा 260 संक्रमित हैं और इसमें भी 10 से 15 साल की आयु के 37 बच्चे कोरोना की कोरोना की चपेट में आए हैं।
इसमें भी दिवाली के दौरान बाजार में उमड़ी भीड़ के बाद विगत 12 दिनों में 244 संक्रमित मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इन 24 दिनों में 208 मामले ग्रामीण क्षेत्र से आए, जबकि 175 शहरी। कंटेनमेंट जोन बनाने के बाद शुक्रवार (27 नवंबर) को 11 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं, जिसमें से 5 शहरी और 6 ग्रामीण हैं।
शहर में मिले संक्रमितों में से तीन कंटेनमेंट जोन के हैं। इसमें दो बख्शी मार्ग और एक दाऊचौरा से है। बाकी अचानकपुर नवागांव से दो, चांदगढ़ी, बेंद्रीडीह, टोलागांव, नगर पालिका और नगर पालिका के बाजू से एक-एक संक्रमित मिले हैं।
इधर शुक्रवार को भी कंटेनमेंट जोन को लेकर नगर पालिका की टीम के साथ बहस हुई। मस्जिद रोड में कपड़ा व्यवसायी नासिर मेमन ने दुकान खोल रखी थी। सुबह तकरीबन 11 बजे जब नगर पालिका की टीम दुकान बंद कराने पहुंची तो उन्होंने कहा कि वह वार्ड-4 के निवासी है 7 के नहीं। इसलिए कंटेनमेंट जोन का आदेश उन पर लागू नहीं होता।
इस पर नगर पालिका के कर्मचारियों ने उन्हें बताया कि परिसीमन के चलते अब उनकी दुकान वार्ड-7 में आती है। उन्हें गजट की कॉपी भी दिखाई गई। इसके बाद भी वे नहीं माने तो मौके पर पहुंचे राजस्व के अफसरों ने उन्हें समझाइश दी। इसके बाद उन्होंने अपनी दुकान बंद की।
खैरागढ़ में कंटेनमेंट जोन की विसंगतियों को लेकर कलेक्टर टीके वर्मा के पास पहुंचे युवा व्यवसायियों ने उनसे गुहार लगाई कि ऐन शादी के सीजन में दुकानें बंद हो गईं हैं। इससे उनका नुकसान हो रहा है। वह दुकानें भी बंद हैं, जिसके आसपास एक भी काेरोना मरीज नहीं।
कलेक्टर से मिलने वालों में भाजपा के मीडिया प्रभारी शशांक ताम्रकार, व्यवसायी नितेश जैन, सादिक मेमन, अजय महोबिया सहित तकरीबन 20 लोग शामिल थे। शशांक ने बताया कि उन लोगों ने कलेक्टर से कहा है कि पूरे वार्ड को कंटेनमेंट जोन बनाने की बजाय उन इलाकों को चिन्हित किया जाए जहां कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं।
अगर चिन्हित इलाकों में दुकानें आती हैं तो व्यवसायी अपनी दुकान बंद करने को तैयार है। व्यवसायियों ने इस आशय का ज्ञापन भी कलेक्टर को सौंपा है।
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