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बिहान योजना ने बदली महिलाओं की जिंदगी, गांव का नाम हुआ 'बिहान ग्राम'

By September 18, 2018 2324 0

बिहान योजना कांकेर जिले की ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी स्वयं सहायता समूह बन कर सामने आई है. इस समय बिहान योजना के 17 सौ समूहों में 17 हजार सदस्य हैं. इस समूह की इकोनॉमी अब 40 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है. इस समूह की महिलाएं सिलाई-कढ़ाई के साथ जैविक खाद बनाने और खुद के बनाए सामानों को बजार में बेचने का काम करती हैं. अब तो इस समूह की महिलाओं ने अपने गांव का नाम भी 'बिहान ग्राम' कर लिया है.

बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार की बिहान योजना महिलाओं को आर्थिक तौर पर सशक्त बनाने की एक योजना है. इस योजना में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्वरोजगार का प्रशिक्षण दिया जाता है. नरहरपुर ब्लाक के कई गांवो में 17 सौ समूह के 17 हजार सदस्य मिलकर काम कर रहे हैं. इनके सम्मिलित प्रयास से अब इस समूह की इकोनॉमी 40 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई है. इन महिलाओं के द्वारा उत्पादित तेल ‘नारी शक्ति तेल’ के नाम से जाना जाता है. ‘नारी शक्ति तेल’ कांकेर के साथ ही पूरे छत्तीसगढ़ में मशहूर होने लगा है.

बिहान योजना से जुड़ी सदस्यों ने बताया कि शुरू में महिलाएं योजना से जुड़ना नहीं चाहती थीं. लेकिन सीओ के समझाने से महिलाएं धीरे-धीरे जुड़ने लगीं. अब ये महिलाएं अपने घर के काम के साथ-साथ इस योजना में भी काम कर रही हैं. समूह में काम करने से वह अच्छी आय भी कमा लेती हैं. समूह के सदस्यों का कहना है नरहरपुर सीओ की मेहनत से यह बदलाव देखने को मिला है. नरहरपुर सीओ के प्रयास से एक साल के भीतर इस आदिवासी बहुल इलाके की महिलाओं की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव आया है.

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Last modified on Thursday, 09 January 2020 12:18
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